होली के रंग
वही रंग है और वही गुलाल,
जब होली का पर्व आये, तब मचा दे धमाल।वही रंग है जो फीका न पड़े ,
गहराता जाए जहाँ भी रहे।
लड़ी हैं रंगों की जो बड़ती जाए,
साथ अपने खुशियाँ और बहार लाये।
वही रंग है और वही गुलाल,
सुख से बीते हर एक साल।
मिले इज़्ज़त और सफलता भी,
यही है सबसे बड़ी अभिलाषा भी।
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